वर्तमान जोधपुर, पाली, नागौर, सिरोही, जालौर तथा बाड़मेर जिलों के क्षेत्रों में मारवाड़ रियासत थी।
- मारवाड़ रियासत के संस्थापक राठौड़ राजपूत थे।
- अधिकांश इतिहासकार राठोड़ों की उत्पति दक्षिण के राष्ट्कूट से मानते है।
- मारवाड़ के राठौड़ कन्नोज के गहड़वाल से निकलकर आये।
- इस वंश का संस्थापक राव सीहा था।
- राव सीहा ने सोलंकियों के कहने पर सिंध के मारू लाखा को पराजित किया।
- राव सीहा तुर्को के विरूद्व लड़ते हुए वीर गति को प्राप्त हुए।
- राव सीहा के पश्चात् उनका पुत्र आसनाथ मारवाड़ का शासक बना।
- आसनाथजी दिल्ली सल्तनत के सुल्तान जलालुद्वीन खिलजी के विरूद्व लड़ते हुए वीर गति को प्राप्त हो गये।
- मारवाड़ का प्रथम सबसे प्रतापी शासक वीरमदेव का पुत्र राव चुड़ा था।
- राव चुड़ा ने मण्डोर को विजय कर मारवाड़ की स्थायी राजधानी बनाया।
- राव चुड़ा ने भाटियों को एवं जोहियों को पराजित किया।
- राव चुड़ा ने नागौर के सूबेदार को भी पराजित किया।
- अन्ततः भाटियों के विरूद्व लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए।
- राव चुड़ा के पश्चात् मेवाड़ के राजा लाखा के सहयोग से राव रणमल राठोड़ मारवाड़ शासक बने।
- रणमल राठोड़ ने अपनी बहिन हॅंसाबाई का विवाह राणा लाखा से कर दिया तथा मेवाड़ के महाराणा मोकल के काल में राव रणमल राठोड़ ने मेवाड़ में राठोड़ों का प्रभुत्व स्थापित कर दिया था।
- राव रणमल राठोड़ अन्ततः मेवाड़ में सिसोदियाओं के हाथों मारे गये।
- राव जोधा एवं महाराणा कुम्भा के मध्य ऑंवल-बॉंवल की संधि हुई।
- राव जोधा ने 1459 में जोधपुर नगर बसाया था। तथा मण्डोर के स्थान पर जोधपुर को अपनी राजधानी बनाया।
- राव जोधा ने जोधपुर के निकट ही चिड़ियॉं टूॅंक की पहाड़ी पर मेहरान गढ़ दुर्ग का निर्माण करवाया।
- मेहरान गढ़ दुर्ग की नींव करणी माता के हाथों से रखी गई।
- रावजोधा ने मेहरान गढ़ दुर्ग का नाम मयूर पंख के समान आकृति होने के कारण मयूरध्वज गढ़ रखा था। लेकिन दुर्ग निर्माण में आ रही बाधा को दूर करने के लिए इसका नाम बदलकर मेहरानगढ़ कर दिया गया।
- राव जोधा के 5 वें पुत्र राव बीका ने बीकानेर राज्य की स्थापना की थी।
- राव बीका ने 1488 में बीकानेर नगर बसाया।
- राव जोधा की मृत्यु के बाद राव सातलदेव शासक बने।
- राव सातलदेव के काल में अजमेर के सूबेदार मल्लू खॉं के सेनापति घुड़लेखॉं ने गणगौर के दिन मारवाड़ की महिलाओं का अपहरण कर लिया तब राव सातलदेव ने घुड़लेखॉं पर आक्रमण कर उसे पराजित किया तथा महिलाओं को छुड़ाकर जोधपुर लाये तथा घुड़लेखॉं का सिर काटकर जोधपुर लाया गया। इसी विजय के उपलक्ष्य में जोधपुर में प्रतिवर्ष घुड़ला उत्सव मनाया जाता है।
- राव सातलदेव की मल्लूखॉं के आक्रमण के विरूद्व लड़ते हुए मृत्यु हो गई।
- राव सातलदेव के पश्चात् राव सूजा, राव सूजा के पश्चात् राव गंगा एवं राव गंगा के पश्चात् राव मालदेव मारवाड़ के महान शासक हुए।
- राव मालदेव ने जैसलमेर की राजकुमारी उमादे से विवाह किया था। जो इतिहास में रूठी रानी के नाम से प्रसिद्व है।
- राव मालदेव के सहयोग से ही उदयसिंह मेवाड़ के महाराणा बने थे।
- राव मालदेव ने 1541 ई0 में बीकानेर के राव जैतसिंह को पराजित कर बीकानेर पर अधिकार कर लिया था।
- राव मालदेव ने मुगल बादशाह हुमायूॅं की भी सहायता की थी।
- सामेल का युद्व, गिरी सुमेल, जैतारण ( पाली ) का युद्व 1544 ई0 में हुआ।
- यह युद्व मारवाड़ के राव मालदेव एवं शेरशाह सूरी के मध्य हुआ था।
- इस युद्व में राव मालदेव के दो सेनानायक थे। जेता और कूॅंपा।
- इस युद्व के प्रारम्भ में कूटनीति से राव मालदेव को जेता और कूॅंपा से अलग कर दिया। इसके पश्चात् हुए युद्व में जैता कूॅंपा सहित सभी राजपूत वीर लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए एवं राजपूत रानियों ने जौहर किया। तथा शेरशाह सूरी भी पराजित होता होता भी विजयी हुआ इसलिए उसने इस युद्व के बाद कहा था “मै एक मुट्ठी भर बाजरे के लिए हिन्दुस्तान की बादशाहत खो देता”
- 1545 ई0 में शेरशाह सूरी की मृत्यु के पश्चात् राव मालदेव ने पुनः जोधपुर पर अधिकार कर लिया था।
- राव मालदेव की मृत्यु के बाद 1562 ई0 में राव चन्द्रसेन मारवाड़ के शासक बने।
- राव चन्द्रसेन ने 1570 ई0 में अकबर के नागौर दरबार में उपस्थित होकर मुगलों की अधीनता को स्वीकार कर लिया था लेकिन अकबर के द्वारा मोटा राजा उदयसिंह को अधिक महत्व देने के कारण राव चन्द्रसेन ने मुगलों के विरूद्व विद्रोह कर दिया। तथा 1581 ई0 में अपनी मृत्यु पर्यन्त अकबर के विरूद्व संघर्ष करते रहे। इसलिए राव चन्द्रसेन को मारवाड़ का प्रताप कहा जाता है।
- मारवाड़ के इतिहास में राव चन्द्रसेन को भूला बिसरा राजा भी कहा जाता है।
- राव चन्द्रसेन की मृत्यु के बाद मोटा राजा उदयसिंह ने अपनी बेटी भानमति ( जगत गुसाई ) का विवाह शहजादा सलीम ( जहॉंगीर ) से कर दी और मुगलों की अधीनता स्वीकार कर ली।
🏰 राजस्थान की मारवाड़ रियासत (Marwar Princely State)
मारवाड़, राजस्थान की एक प्रमुख ऐतिहासिक रियासत रही है, जो अपनी वीरता, राजपूत संस्कृति, और कला-संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। इसे आज जोधपुर राज्य (Jodhpur State) के नाम से भी जाना जाता है।
📍 भौगोलिक स्थिति
पक्ष |
विवरण |
राजधानी |
जोधपुर |
क्षेत्र |
पश्चिमी राजस्थान (थार मरुस्थल का हिस्सा) |
प्रमुख जिले |
जोधपुर, नागौर, बाड़मेर, पाली, जैसलमेर (कुछ भाग) |
नदी |
लूणी नदी |
पर्वत |
अरावली पर्वतमाला (पूर्वी भाग में) |
👑 शासन वंश – राठौड़ वंश (Rathore Dynasty)
वंश |
विवरण |
वंश का नाम |
राठौड़ वंश |
मूल |
कन्नौज के प्रतिहारों से (राठौड़ों की उत्पत्ति) |
संस्थापक |
राव सीहा (Rao Siyaji) – 13वीं शताब्दी में मारवाड़ आए |
प्रमुख संस्थापक राजा |
राव जोधा – 1459 में जोधपुर शहर की स्थापना |
🔱 प्रसिद्ध शासक और योगदान
शासक |
उपलब्धियाँ |
राव जोधा |
1459 में जोधपुर की स्थापना, मेहरानगढ़ किला बनवाया |
मालदेव राठौड़ |
शेरशाह सूरी से युद्ध (1544), सुरों की लड़ाई में प्रसिद्ध |
चंद्रसेन राठौड़ |
मुगलों के विरुद्ध संघर्ष किया |
अजीत सिंह |
औरंगजेब की मृत्यु के बाद दिल्ली पर प्रभाव |
माण सिंह |
अंग्रेजों से मैत्री, जोधपुर के आधुनिकीकरण में योगदान |
उम्मेद सिंह |
उम्मेद भवन पैलेस का निर्माण (20वीं सदी) |
🏯 प्रमुख दुर्ग व स्थापत्य
स्मारक / दुर्ग |
विशेषता |
मेहरानगढ़ किला |
राव जोधा द्वारा बनवाया गया, जोधपुर का प्रतीक |
उम्मेद भवन पैलेस |
दुनिया के सबसे बड़े निजी महलों में से एक |
जसवंत थड़ा |
संगमरमर का स्मारक, जसवंत सिंह की स्मृति में |
राव जोधा डेजर्ट रॉक पार्क |
पर्यावरणीय संरक्षण स्थल |
🪔 सांस्कृतिक योगदान
- मारवाड़ी भाषा – राजस्थानी की प्रमुख बोली
- लोकसंगीत और नृत्य – मांड, पब्बूजी की फड़, कालबेलिया
- हस्तकला – लकड़ी की नक्काशी, लाख की चूड़ियाँ, ब्लॉक प्रिंट
- शिल्प – मेहरानगढ़ के किले में राजपूत चित्रकला और अस्त्र-शस्त्र संग्रह
🤝 ब्रिटिश काल में मारवाड़
पक्ष |
विवरण |
सहायक संधि |
1818 में ईस्ट इंडिया कंपनी से की गई |
ब्रिटिश संबंध |
नरेशों ने अंग्रेजों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध रखे |
भारत में विलय |
1949 में मारवाड़ का राजस्थान में विलय हुआ |
📜 परीक्षा उपयोगी तथ्य (One-liners)
- राव जोधा – जोधपुर नगर के संस्थापक (1459)
- मालदेव राठौड़ – शेरशाह सूरी से लड़ाई में प्रसिद्ध (सुरों की लड़ाई, 1544)
- मेहरानगढ़ किला – जोधपुर का प्रमुख दुर्ग
- उम्मेद भवन पैलेस – 20वीं सदी का स्थापत्य चमत्कार
- मारवाड़ की बोली – मारवाड़ी
- कुलदेवी – नागणेचा माता
- मारवाड़ के लोकदेवता – पाबूजी, तेजाजी
🧾 सारांश में – मारवाड़ रियासत
तत्व |
विवरण |
राजधानी |
जोधपुर |
प्रमुख वंश |
राठौड़ |
स्थापक |
राव जोधा |
प्रसिद्ध दुर्ग |
मेहरानगढ़ |
प्रमुख नदियाँ |
लूणी |
ब्रिटिश संधि |
1818 |
भारत में विलय |
1949 |
📥 आप चाहें तो…
- एक PDF चार्ट: “मारवाड़ रियासत – टाइमलाइन और शासक”
- या MCQ प्रश्नोत्तरी: RPSC / REET के लिए
- या मारवाड़ बनाम मेवाड़ तुलना तालिका
बताइए, क्या चाहिए?