Rajasthan chief animal and their Breeds (राजस्थान के प्रमुख पशु एवं उनकी नस्लें)

राजस्थान में सर्वाधिक गोवंश उदयपुर में पाया जाता है।
नस्लें:-
1. नागौरी:- इसका उत्पति स्थल सुहालक प्रदेश नागौर है।
इस नस्ल की गाय के बैल मजबूत कद-काठी के लिए पूरे देशभर में प्रसिद्ध है।
2. थार पारकर:- इसका उत्पति स्थल मालानी प्रदेश बाड़मेर है।
यह अधिक दूध के लिए प्रसिद्ध नस्ल है।
3. राठी:- यह लाल सिंधी एवं साहीवाल की मिश्रित नस्ल है। राजस्थान के उत्तर-पष्चिमी भागों में पायी जाती है। यह भी गायों की श्रेणी में अधिक दूध के लिए प्रसिद्व नस्ल है।
4. गिर:- यह मूलतः गुजरात के गिरिवन का पशु है। इसे राजस्थान मे रैण्डा कहा जाता है। तथा अजमेर मे इसे अजमेरा कहा जाता है। यह गायों की द्विप्रयोजनीय नस्ल है।
5. कॉकरेज:- यह राजस्थान के दक्षिण-पष्चिमी भाग में पायी जाती है। यह भी गायों की द्विप्रयोजनीय नस्ल है।
6. हरियाणवी:- राजस्थान के उत्तर-पूर्वी भागों में पायी जाती है इस नस्ल की गाय के मस्तिष्क मध्य की हड्डी उठी हुई होती है।
अन्य नस्लें:- सांचौरी, मेवाती, मालवी आदि।भैंस:-
राजस्थान में सर्वाधिक भैंसे अलवर में पायी जाती है। द्वितीय स्थान पर जयपुर है। राजस्थान की मुर्रा नस्ल की भैंस पूरे देशभर में प्रसिद्ध है।
इसके अतिरिक्त राजस्थान में भैंसो की 4 अन्य नस्लें पायी जाती है।
मुरादाबादी, जाफराबादी, नागुपुरी एवं भदावरी।
वल्लभ नगर उदयपुर में भैंस अनुसंधान एवं प्रजनन केन्द्र स्थापित किया गया है।
कुम्हेर भरतपुर में मुर्रा नस्ल की भैंस का प्रजनन केन्द्र स्थापित किया गया।

भेड़:- 
भारत में भेड़ो की दृष्टि से राजस्थान प्रथम स्थान पर है।
राजस्थान में सर्वाधिक भेड़े बाड़मेर में पायी जाती है।
नस्लें:-
1. जैसलमेरी:- भेड़ की यह नस्ल सबसे लम्बी तथा सर्वाधिक उन देने वाली नस्ल है।
2. मारवाड़ी:- राजस्थान की कुल भेड़ो में लगभग 50 प्रतिशत मारवाड़ी नस्ल की भेड़े है। इस नस्ल की भेड़ लम्बी दूरी तय कर सकती है तथा शीघ्र पीड़ित नही होती है।
3. चोकला:- इसे शेखावाटी भी कहा जाता है। इसे भारत की मेरीनो भी कहा जाता है। यह राजस्थान में सबसे उत्तम किस्म की उन देने वाली भेड़ की नस्ल है।
4. सोनाड़ी:- इसे चनोथर भी कहा जाता है। यह भेड़ों की द्विप्रयोजनीय नस्ल है।
5. खैरी:- यह घुमक्कड़ रेवड़ों मे पायी जाती है इसकी उन एकदम सफेद होती है।
अन्य नस्लें:- पूॅंगल-बीकानेर, मगरा-जैसलमेर, नाली-गंगानगर व हनुमानगढ़, बागड़ी-अलवर, मालपुरी-टोंक।
अंबिकानगर टोंक मालपुरा में केन्द्रीय भेड़ अनुसंधान एवं प्रजनन केन्द्र स्थापित किया गया है।

बकरियॉं:-
इसे गरीब की गाय कहा जाता है। राजस्थान की कुल पशु सम्पदा में सर्वाधिक संख्या बकरियों की है राजस्थान में सर्वाधिक बकरियॉं बाड़मेर में पायी जाती है राजस्थान मे मुख्य रूप से बकरियों की 6 नस्लें पायी जाती है
जमनापुरी, बड़वारी, सिरोही, अलवरी, लोही एवं झरवाड़ी
जमनापुरी बकरियों की बहुप्रयोजनीय नस्ल है।
लोही एवं झरवाड़ी माँस के लिए प्रसिद्ध नस्लें है।
राजस्थान में बकरियों की सबसे प्राचीन नस्ल मारवाड़ी है।
रामसर अजमेर में बकरी विकास एवं चारा उत्पादन केन्द्र स्थापित किया गया है।
अंबिकानगर टोंक मालपुरा में केन्द्रीय बकरी अनुसंधान एवं प्रजनन केन्द्र स्थापित किया गया है।

ऊँट:- 
उॅंटों की दृष्टि से राजस्थान भारत में एकाधिकारी है।
राजस्थान में सर्वाधिक उॅंट बाड़मेंर में पाये जाते है।
जैसलमेर जिले मे स्थित नाचना का उॅंट सबसे श्रेष्ठ माना जाता है।
राजस्थान में इसके अतिरिक्त उॅंटों की चार अन्य नस्लें प्रसिद्ध है।
जैसलमेरी, बीकानेरी, अलवरी, कच्छी
जोहड़बीर बीकानेर में केन्द्रीय उॅंट अनुसंधान एवं प्रजनन केन्द्र स्थापित किया गया है।
सर्वोच्य न्यायालय ने सन् 2000 में अपने एक निर्णय में उॅंटनी के दूध को मानव प्रयोग के लिए श्रेष्ठ बताया।

घोड़े एवं गधे:-
राजस्थान के मालानी नस्ल के घोड़े पूरे देशभर में प्रसिद्ध है।
राजस्थान में घोड़े झालावाड़, राजसमन्द, उदयपुर, पाली एवं बाड़मेर में पाये जाते है।
जोहड़बीर बीकानेर में केन्द्रीय अश्व अनुसंधान एवं प्रजनन केन्द्र स्थापित किया गया है।
राजस्थान में सर्वाधिक गधे बाड़मेर में पाये जाते है।

यहाँ राजस्थान के प्रमुख पशु एवं उनकी प्रसिद्ध नस्लों (Breeds) की विस्तृत जानकारी दी गई है। यह जानकारी खासतौर पर राजस्थान की कृषि, पशुपालन, प्रतियोगी परीक्षाओं (RAS, REET, etc.) और सामान्य ज्ञान के लिए उपयोगी है।


🐄 1. गाय (Cow) – दूध उत्पादन के लिए प्रमुख पशु

नस्ल विशेषताएँ क्षेत्र
थारपारकर दुग्ध उत्पादन में श्रेष्ठ, सफेद रंग, लंबा शरीर जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर
राठी दूध और हल के काम दोनों में उपयोगी बीकानेर, गंगानगर, नागौर
नागौरी हल में प्रयोग, मजबूत शरीर नागौर, जोधपुर
केंकथा छोटी, कठोर नस्ल सीमावर्ती मरुस्थलीय क्षेत्र

🐃 2. भैंस (Buffalo) – दूध एवं कृषि कार्यों हेतु

नस्ल विशेषताएँ क्षेत्र
जाफराबादी भारी शरीर, अधिक दूध सीमित रूप से पश्चिमी राजस्थान
नागपुरी दूध उत्पादन और हल कार्य हाड़ौती क्षेत्र
मुर्रा (हरियाणा मूल) राजस्थान में बहुत प्रचलित बीकानेर, भरतपुर, अलवर आदि

🐎 3. घोड़ा (Horse) – राजस्थान की शान

नस्ल विशेषताएँ क्षेत्र
मरवाड़ी घोड़ा कान अंदर की ओर मुड़े, सुंदर शरीर, लड़ाई व शाही सवारी मारवाड़ (जोधपुर, नागौर)
काठियावाड़ी गुजरात मूल, राजस्थान में सीमित उपयोग सीमावर्ती क्षेत्र

🐑 4. भेड़ (Sheep) – ऊन व मांस के लिए

नस्ल विशेषताएँ क्षेत्र
मालपुरी ऊन उत्पादन के लिए जयपुर, टोंक, सवाई माधोपुर
नाली बेहतर ऊन, बड़ी संख्या में पाई जाती बीकानेर, चूरू
मागरा श्रेष्ठ ऊन, “राजस्थान की मेरिनो” कहलाती है बीकानेर
चोकला मांस व ऊन दोनों के लिए नागौर

🐐 5. बकरी (Goat) – दूध, मांस और चमड़े के लिए

नस्ल विशेषताएँ क्षेत्र
सीरोही मजबूत, अधिक दूध देने वाली सिरोही, उदयपुर
मारवाड़ी कठोर परिस्थितियों में जीवित रहने वाली पश्चिमी राजस्थान
जालोरी ऊँचाई वाले क्षेत्रों में पाई जाती जालोर

🐫 6. ऊँट (Camel) – रेगिस्तानी जहाज

नस्ल विशेषताएँ उपयोग
बीकानेरी ऊँट भारत का राजकीय पशु, सफेद या भूरा, ऊँटनी का दूध उपयोगी सवारी, सैन्य उपयोग, दुग्ध
जैसलमेरी ऊँट लंबा, ताकतवर बोझा ढोने और लंबी दूरी तय करने में सक्षम
नाचने वाला ऊँट विशेष प्रशिक्षण से सजाया जाता है सांस्कृतिक कार्यक्रमों में

🐓 7. मुर्गी (Poultry)

नस्ल विशेषताएँ
देशी मुर्गियाँ कठोर, कम अंडा उत्पादन लेकिन रोग प्रतिरोधी
वाणिज्यिक नस्लें जैसे लेगहॉर्न, रोड आइलैंड रेड – सीमित उपयोग

🌾 महत्वपूर्ण तथ्य (One-liner for GK)

  • 🐪 ऊँट – राजस्थान का राजकीय पशु
  • 🐎 घोड़ा (मरवाड़ी नस्ल) – राजस्थान की शान और सांस्कृतिक प्रतीक
  • 🐑 मागरा भेड़ – सर्वश्रेष्ठ ऊन देती है
  • 🐄 थारपारकर – राजस्थान की श्रेष्ठ दुग्ध नस्ल
  • 🐐 सीरोही – राजस्थान की प्रमुख दूध देने वाली बकरी नस्ल

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