Sensex एक ऐसा शब्द है, जिसे हम अपनी रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में सुनते,कभी news channels के माध्यम से कभी अख़बार में इसके बारें में पढ़ते है की sensex आज इतने अंक ऊपर चढ़ गया, आज इतने अंक नीचे गिर गया। सेंसेक्स होता क्या है? और ये काम कैसे करता है।
आज मैं आपको इसी के बारें में बताओगी की सेंसेक्स क्या होता है,और कैसे इसकी गणना होती है? इस विषय को हम विस्तार के समझेंगे वो भी उदाहरण के साथ।
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Sensex क्या होता है? what is sensex in hindi?
Sensex को समझने से पहले हमें stock market को समझना होगा। मैं आपको स्टॉक मार्किट के बारें में थोड़ा संक्षिप्त में बता देती हूँ। स्टॉक मार्किट वह जगह होती है जहा हम शेयर्स को खरीद व बेच सकते है। भारत में दो सबसे बड़ी और लोकप्रिय स्टॉक एक्सचेंज है।
BSE और NSE
BSE की स्थापना 1875 में हुई थी और यह पुरे एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है। फ़िलहाल BSE दुनिया की 12वी सबसे बड़ी स्टॉक एक्सचेंज है। BSE में 5500 से भी जयादा कंपनियां सूचीबद्ध है।
सेंसेक्स एक तरह का सूचकांक(index) होता है जो देश के आर्थिक विकास और कंपनी के शेयर्स के वित्तीय प्रदर्शन का पता लगने का एक मापदंड होता है।
सेंसेक्स sensitive +index दो शब्दों के मिला कर बना है। जिसे संवेदनशील सूचकांक भी कहा जाता है।
यह भारत का सबसे पुराना स्टॉक इंडेक्स है इसकी स्थापना वर्ष 1986 में की गई थी।
शेयर बाज़ार में हज़ारों कंपनियां लिस्टेड होती है। अगर हमें मार्किट की performance को जानना है तो एक समय पर हर एक कंपनी के स्टॉक को track करना मुश्किल होगा। तो पूरी कंपनियां जो मार्किट का प्रतिनिधित्व करती है उनका सैंपल लिया जाता है, उस सैंपल को index या सूचकांक कहा जाता है।
BSE के सूचकांक को सेंसेक्स कहते है। सेंसेक्स sensitive +index दो शब्दों के मिला कर बना है। इसे संवेदी सूचकांक, BSE 30 या BSE SENSEX भी कहा जाता है।
इसे BSE 30 इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें 5500 में से शीर्ष 30 कंपनियों को उनके बाजार पूंजीकरण के आधार पर चुना जाता है। कंपनियां जैसे: Infosys ,ITC ,Hero इत्यादि।
बाजार पूंजीकरण और फ्री फ्लोट कैपिटलाइजेशन इन हिंदी
Free float उन “कुल शेयरों का प्रतिशत” होता है जिसे व्यापार के लिए बाज़ार में कंपनी उपलब्ध कराती है।
Market capitalization को कम्पनी के शेयरों की कुल संख्या को उनके मूल्यों से गुणा करके निकाला जाता है।
सेंसेक्स की गणना या गिनती कैसे करें
उदाहरण के लिए बाज़ार में दो कंपनियां है A और B
COMPANY A के पास कुल 250 शेयर्स है उनमें से 200 शेयर्स आम जनता के लिए है और 50 शेयर्स कंपनी मैनेजमेंट के लिए है। प्रति शेयर का मूल्य है 200/-
तो कंपनी का कुल मूल्य कितना होगा। कंपनी के कुल शेयर्स को प्रति शेयर मूल्य के गुणा करने के बाद की मूल्य निकलेगा वो कंपनी A का कुल बाजार पूंजीकरण (total market capitalization) है।
2003 से पहले सेंसेक्स की गणना करने के लिए कुल बाजार पूंजीकरण (total market capitalization) को ही सही विकल्प माना जाता था। 2003 के बाद से free float market को consider किया जाता है। इस दोनों में क्या अंतर है। free flow market में जो शेयर्स कंपनी के प्रबंधन के पास होते है, हम वो consider नहीं करते। जो आम जनता के लिए शेयर्स होते है हम वो ही शामिल करते है।
तो free float market capitalization होगा,
free floating shares*by share value i.e 200*200=40000
COMPANY B का free-floating share value आम जनता के लिए 150/- होगा और free-float market capitalization 60000 है, तो पूरी मार्किट की free float capitalization हो जाएगी 40,000+60,000=1,00000. अब समझते है की इससे sensex की गणना कैसे करते है।
सेंसेक्स की गणना के लिए हमें base index लेना होता है, उदाहरण के तौर पर मान लेते है की पिछले 10 सालों से हम सेंसेक्स की गणना करते आ रहे है,और जब सेंसेक्स पहली बार index हुआ था तो उसकी market value 10000 थी। इन्हीं 10000 को सेंसेक्स के 100 अंकों के बराबर मान लेते है। इसे ही हम base index कहते है।
जब पहली बार BSE ने index शुरू किया था तो base index था 100 अंक। हमारे उदहारण के हिसाब से free float capitalization है 100000 तो आज के टाइम में सेंसेक्स होगा 1000 अंक। अब मान लेते है की COMPANY A को अगले दिन ाचा मुनाफा हुआ और उसके शेयर का मूल्य 50/- प्रति शेयर बढ़ गया,तो entire free-float market capitalization होगा,
250*200=5,0000 +6,0000=1,10,000. तो इस हिसाब से सेंसेक्स 100 अंक से बढ़ कर हो जाएगा 1100 अंक।
तो दोस्तों ऐसे ही calculate होता है सेंसेक्स और free float capitalization. इसी के आधार पर ही उन्ही 30 कंपनियों की सेंसेक्स में शामिल किया जाता है। ज़रूरी नहीं ही जो 30 कंपनियां सेंसेक्स में शामिल होती है वह हमेशा ही उसमें बनी रहे,यह कम्पनिया समय समय पर बदलती रहती है। पर कंपनियों को संख्या 30 ही रहती है। यह 30 कंपनियां अलग अलग क्षेत्र की होती है।
सेंसेक्स अगर 10000 अंक है और अगर ये ऊपर जाता है तो 30 कंपनियों मे से जिन companies का वित्तीय प्रदर्शन अच्छा है, उन्हें लाभ अच्छा प्राप्त हो रहा है और लोग इन companies के shares खरीद रहे है और डिमांड बढ़ रही है तो इसके हम “BULL MARKET” भी कहते है। अगर सेंसेक्स नीचे जाता, उसके अंक घट रहे है तो कंपनी की वित्तीय प्रदर्शन अच्छा नहीं है,कंपनी को काम मुनाफा हो रहा है, या कंपनी का प्रदर्शन मार्किट में अच्छा नहीं है और लोग उस कंपनी ले शेयर्स को बेच रहे है मतलब उसकी डिमांड कम हो रही है तो उसे BEAR MARKET भी बोलते है।
सेंसेक्स का ऊपर जा रहा है तो वह आर्थिक विकास का प्रतिक है। इसीलिए,सेंसेक्स के आधार पर हम ये निर्णय लेते है की मार्किट ऊपर जा रही है या नीचे आ रही है और कंपनी का आर्थिक विकास कैसा हो रहा है।
सेंसेक्स का उतार चढ़ाव काफी हद तक बजट पर भी निर्भर करता है। जब भी बजट की घोषणा होती है तोह सेंसेक्स में उछाल आता है। अगर बजट मार्किट के लिए सकारात्मक है तो सेंसेक्स ऊपर जाता है और अगर बजट मार्किट के नकारात्मक है तो सेंसेक्स नीचे की ओर गिरता है।