राजस्थान, प्रजामण्डल आंदोलन, Prajamandal Movement in Rajasthan

1. मेवाड़ प्रजामण्डल की स्थापना किसने की थी ?

उत्तर – माणिक्यलाल वर्मा
व्याख्या : उदयपुर में प्रजामण्डल की स्थापना का श्रेय माणिक्यलाल वर्मा को जाता है। 24 अप्रैल 1948 को श्री बलवंत सिंह मेहता की अध्यक्षता में मेवाड़ प्रजामण्डल की स्थापना हुई।
2. जून 1991 में अलवर राज्य प्रजा मण्डल द्वारा आयोजित जागीर माफ़ी प्रजा सम्मेलन राजगढ़ का उद्धघाटन किसने किया ?
उत्तर – हरी नारायण शर्मा
व्याख्या : अलवर प्रजामण्डल (1938): 1938 में अलवर प्रजामण्डल  स्थापना हुई, अलवर प्रजामण्डल की स्थापना 1938 में पंडित हरिनारायण शर्मा और श्री कुंज बिहारी लाल मोदी ने की।
3. 1936 में मेघाराम ने किस स्थान पर बीकानेर प्रजामण्डल की स्थापना की ?
उत्तर – कलकत्ता में 
व्याख्या : बीकानेर प्रजामण्डल (1936): मेघाराम वैद्य ने कोलकाता में रहते हुए 4 अक्टूबर 1936 में  मेघाराम वैद्य, लक्ष्मीदास व रघुवर दस गोयल द्वारा कोलकाता में स्थित बीकानेर प्रजामण्डल की स्थापना की।
4. मेवाड़ प्रजामण्डल के प्रमुख नेता, जिन्हे भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान 21 अगस्त 1942 को गिरफ्तार किया गया, वे थे ?
उत्तर – माणिक्यलाल वर्मा
5. बूंदी प्रजामण्डल की स्थापना किसने की ?
उत्तर – कान्तिलाल ने
व्याख्या : बूंदी प्रजामण्डल (1931): कान्तिलाल और नित्यानंद ने 19 जुलाई 1944 में ऋषिदत मेहता ने हरी मोहन माथुर व बृजसुंदर शर्मा की मदद से बूंदी राज्य लोक परिषद् की स्थापना की जिसके अध्यक्ष हरी मोहन माथुर थे।
6. धौलपुर प्रजामण्डल की स्थापना किसने की ?
उत्तर – कृष्ण दत्त पालीवाल ने 
व्याख्या : धौलपुर प्रजामण्डल की स्थापना 1938 में ज्वाला प्रसाद जिज्ञासु व जौहरीलाल इंदू के द्वारा की गई। तथा इसके अध्यक्ष कृष्ण दत्त पालीवाल को बनाया गया। ज्वाला प्रसाद जिज्ञासु व जौहरीलाल इंदू  ने धौलपुर में 1934 में नागरी प्रचारिणी सभा की स्थापना की।
7. करौली प्रजामण्डल की स्थापना 1938 में किसके द्वारा की गई ?
उत्तर – त्रिलोकचंद माथुर
व्याख्या : मुंशी त्रिलोक चंद माथुर ने 1938 में करौली में राज्य सेवक संघ तथा स्थानीय कांग्रेस की स्थापना की। श्री त्रिलोकचंद माथुर, चिरंजीलाल शर्मा व कुंवर मदन सिंह के द्वारा अप्रैल 1939 में करौली प्रजामण्डल की स्थापना की गई।
8. हाड़ोती प्रजामण्डल की स्थापना किसकी अध्यक्षता में की गई थी ?
उत्तर – नयनूराम शर्मा।
9. जयपुर प्रजामण्डल के प्रथम अधिवेशन की अध्यक्षता किसने की थी ?
उत्तर – जमनालाल बजाज ने 
10. मीणा क्षेत्रीय सभा की स्थापना कब की गई ?
उत्तर – 1933 में 
 
11 . राजपूताना की किस रियासत में आजाद मोर्चे की स्थापना हुई ?
उत्तर – जयपुर 
व्याख्या: भारत छोड़ो आंदोलन में जयपुर प्रजामण्डल की भूमिका से असंतुष्ट होकर कुछ सक्रिय कार्यकर्ताओं जैसे – दौलतराम भंडारी, बाबा हरिशचन्द्र, रामकरण जोशी, चिरंजीलाल मिश्र, आदि ने ‘आजाद मोर्चे’ का गठन किया।
12. राजस्थान का प्रथम प्रजामण्डल था?
उत्तर – जयपुर प्रजामण्डल 
व्याख्या: कर्पूरचन्द पाटनी की अध्यक्षता में सर्वप्रथम 1931 में जयपुर प्रजामण्डल गठित हुआ, लेकिन मृतप्राय रहा। चिरंजीलाल मिश्रा की अध्यक्षता में पुनर्गठित (1936 – 37) 1938 में जमनालाल बजाज अध्यक्ष बने। 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन सक्रिय भाग नहीं लेने वाला प्रजामण्डल (अन्य अलवर प्रजामण्डल )
13. ‘काँगड़ काण्ड’ किस प्रजामण्डल आंदोलन के दौरान घटित हुआ ?
उत्तर – बीकानेर प्रजामण्डल 
व्याख्या: काँगड़ काण्ड – बीकानेर के किसान आंदोलन के इतिहास की अंतिम व महत्वपूर्ण घटना काँगड़ काण्ड (रतनगढ़) थी। यह आंदोलन जागीरदारों के अत्याचारों से उपजा ‘स्वस्फूर्त’ किसान आंदोलन था। 1946 में खरीब की फसल नष्ट होने के कारण अकाल स्थिति पैदा हो गई थी। अकाल पड़ने के बाद भी किसानो से कर वसूली का प्रयास किया गया। जिसके कारण किसानो ने आंदोलन किया। जागीरदारों के आदमियों ने उस गांव के किसानों के साथ खुलकर लूटपाट की पुरुष महिला और बच्चों को गढ़ में ले जाया गया। जहाँ पर उनके साथ अमानवीय अत्याचार किए गए।
14. डूँगरपुर प्रजामण्डल की स्थापना (1944 में ) किसके द्वारा की गई थी ?
उत्तर – भोगीलाल पांड्या द्वारा
व्याख्या: डूँगरपुर प्रजामण्डल की स्थापना 26 जनवरी, 1944 में भोगीलाल पांड्या व शिवलाल कोटड़िया द्वारा की गई। डूँगरपुर रियासती शासन की अन्यायपूर्ण नीतियों के विरूद्ध।
15. सिरोही राज्य प्रजामण्डल के संस्थापक कौन थे ?
उत्तर – गोकुल भाई भट्ट
व्याख्या: सिरोही के युवकों द्वारा मुंबई में 1934 में गठन का प्रयास, ऐसा ही प्रयास सिरोही में, लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला।
गोकुलभाई भट्ट ने सिरोही में प्रजामण्डल की स्थापना 23 जनवरी, 1939 में की। सिरोही प्रजामण्डल के तत्वावधान में हुई सार्वजनिक सभा पर लाठीचार्ज में अनेक लोग घायल हुए, इस घटना पर महात्मा गाँधी ने ‘हरिजन सेवक’ नामक समाचार पत्र में टिप्पणी की।
16. नाथद्वारा प्रजामण्डल आंदोलन में किसने सक्रीय भूमिका निभाई थी ?
उत्तर – श्रीमती गंगाबाई ने
व्याख्या: गंगाबाई (कजोड़ देवी) – नाथद्वारा के देशी सेवी द्वारकादास पुरोहित की पत्नी, जिन्होंने नाथद्वारा प्रजामण्डल के आंदोलन में भाग लिया तथा सात दिन की हड़ताल के दौरान वे जेल गई और कठोर यातनाएं सही।
17. कन्हैयालाल मित्तल, माँगी लाल भव्य एवं मकबूल आलम किस राज्य प्रजामण्डल से सम्बन्ध थे ?
उत्तर – झालावाड़ राज्य प्रजामण्डल
व्याख्या: झालावाड़ प्रजामण्डल (25 नवंबर, 1946) – माँगीलाल भव्य की अध्यक्षता में गठित, इसमें कन्हैयालाल मित्तल व मकबूल आलम का महत्वपूर्ण सहयोग रहा।
18. चुन्नी लाल व अमृतलाल पाठक का सम्बन्ध किस प्रजामण्डल आंदोलन से मुख्यतः जुड़ा रहा ?
उत्तर – प्रतापगढ़ प्रजामण्डल

राजस्थान का प्रजामंडल आंदोलन (Prajamandal Movement) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण भाग था, जो ब्रिटिश भारत के रियासती राज्यों में लोकतंत्र की स्थापना, नागरिक अधिकारों की रक्षा और राजशाही के अत्याचारों के विरोध में चलाया गया था।


🗳️ प्रजामंडल आंदोलन क्या था?

“प्रजामंडल” का अर्थ है “जनता का संगठन”। यह आंदोलन राजस्थान की रियासतों (princely states) में राजाओं के शोषण और ब्रिटिश सत्ता की कठपुतली प्रशासन व्यवस्था के खिलाफ शुरू हुआ।
लक्ष्य था:

  • लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था की स्थापना
  • जनता को अधिकार दिलाना
  • राजाओं के दमनात्मक शासन का अंत करना

📍 राजस्थान में प्रमुख प्रजामंडल आंदोलन

🔹 1. मेवाड़ प्रजामंडल (1938)

  • स्थापना: उदयपुर में
  • संस्थापक: माणिक्यलाल वर्मा, नारायणसिंह भाटी
  • उद्देश्य: जन जागरण, शिक्षा का प्रचार, प्रशासन में पारदर्शिता
  • विशेष: मेवाड़ प्रजामंडल ने शांतिपूर्ण तरीकों से जनता के अधिकारों के लिए संघर्ष किया

🔹 2. मारवाड़ हितकारी सभा (जोधपुर)

  • स्थापना: 1934
  • बाद में बना: मारवाड़ लोक परिषद
  • नेता: जयनारायण व्यास
  • उद्देश्य: जोधपुर में राजशाही की नीतियों का विरोध

🔹 3. बीकानेर प्रजामंडल

  • स्थापना: 1939
  • नेता: हरिलाल शारदा, ज्ञानचंद, हरीशंकर पुरोहित
  • उद्देश्य: किसान हितों की रक्षा, राजकीय कठोर नीतियों का विरोध

🔹 4. कोटा प्रजामंडल आंदोलन

  • नेता: नथमल शर्मा, ईश्वरदत्त मेहता
  • विशेष: कोटा में प्रजामंडल आंदोलन के दौरान दमन अधिक था, फिर भी जनता ने लोकतंत्र के लिए संघर्ष जारी रखा।

🔹 5. ढूंढाड़ आंदोलन (जयपुर)

  • प्रमुख केंद्र: जयपुर
  • नेता: जमनालाल बजाज, हर्षदेव जोशी, गोपाल सिंह शेखावत
  • विशेष: गांधीवादी प्रभाव के कारण अहिंसक आंदोलन

📜 प्रजामंडल आंदोलन की विशेषताएँ

विशेषता विवरण
नेतृत्व शिक्षित युवाओं, वकीलों और स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा
प्रकृति अहिंसक, लोकतांत्रिक, जन-संपर्क आधारित
प्रभाव जनता में जागरूकता, ब्रिटिश विरोध, रियासती राजाओं पर दबाव
संबंध भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और गांधीवादी विचारधारा से प्रेरित

📆 महत्वपूर्ण घटनाक्रम:

वर्ष घटना
1938 मेवाड़ प्रजामंडल की स्थापना
1939 बीकानेर, जयपुर, जोधपुर में आंदोलन तेज
1942 भारत छोड़ो आंदोलन का प्रभाव – प्रजामंडलों ने सक्रिय भूमिका निभाई
1947 स्वतंत्रता के बाद अधिकांश प्रजामंडल कांग्रेस में विलीन

🏁 प्रभाव और परिणाम:

  • रियासतों में जनता की भागीदारी की शुरुआत हुई।
  • लोकतंत्र और मानवाधिकारों की मांग ने बल पकड़ा।
  • स्वतंत्रता के बाद राजस्थान का एकीकरण और लोकतांत्रिक प्रणाली की स्थापना संभव हुई।
  • कई नेता बाद में राजस्थान की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं (जैसे जयनारायण व्यास, हरिदेव जोशी, मोहनलाल सुखाड़िया)।

📌 संक्षिप्त रूप में (One-liner Notes):

  • प्रथम प्रजामंडल: मेवाड़ प्रजामंडल (1938)
  • अहिंसक आंदोलन: गांधीवाद से प्रेरित
  • प्रमुख नेता: माणिक्यलाल वर्मा, जयनारायण व्यास, हरीशंकर पुरोहित, नथमल शर्मा
  • प्रेरणा स्रोत: भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन

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राजस्थान-स्वतंत्रता आंदोलन, जनजागरण एवं राजनैतिक एकीकरण

राजस्थान में जनजागृति और प्रजामण्डल

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