राजस्थान की जलवायु

  • राजस्थान की जलवायु उप-आर्द्र तथा उष्ण कटिबन्धीय है या उपोष्ण कटिबन्धीय है।
  • राजस्थान के पूर्व में अधिकांशतः आर्द्र तथा राजस्थान के पश्चिम में शुष्क जलवायु पायी जाती है।
  • राजस्थान का सर्वाधिक आर्द्रता वाला जिला झालावाड़ है तथा राजस्थान का सर्वाधिक आर्द्र स्थल माउण्ट आबू ( सिरोही ) है।
  • राजस्थान के जैसलमेर एवं बाड़मेर पूर्णतया शुष्क रेगिस्तानी जिले है।
  • राजस्थान में जलवायु विषमता सर्वाधिक रेगिस्तानी जिलों में पायी जाती है।
  • राजस्थान में अरावली पर्वतमाला 50 सेमी महान भारतीय जल विभाजक रेखा का कार्य करती है।
  • राजस्थान में हिन्द महासागर का दक्षिण-पश्चिमी मानसून अरबसागर की शाखा बंगाल की खाड़ी की शाखा दो शाखाओं के रूप में प्रवेश करता है।
  • राजस्थान में सर्वाधिक वर्षा अरब सागर की शाखा से होती है।
  • राजस्थान में सर्वाधिक वर्षा वाला जिला झालावाड़ है तथा राजस्थान में सर्वाधिक वर्षा वाला स्थान माउण्ट आबू ( ( सिरोही ) है।
  • राजस्थान में सबसे कम वर्षा जैसलमेर मे होती है। अरावली पर्वतमाला के मानसून के समानान्तर होने के कारण राजस्थान मे कम एवं अनियमित वर्षा होती है।
  • राजस्थान में सर्दियों के दिनों मे भूमध्य सागरीय पश्चिमी विक्षोभों के कारण होने वाली वर्षा को मावट कहा जाता है।
  • राजस्थान में गर्मियों में अरबसागरीय चक्रवात के कारण तेज हवाओं के साथ जो वर्षा होती है, वह चक्रवाती वर्षा कहलाती है।
  • राजस्थान में सर्वाधिक तापमान की विषमता जैसलमेर जिले मे है।
  • राजस्थान में सर्वाधिक जलवायु विषमता भी जैसलमेर जिले मे है।
  • राजस्थान में वार्षिक वर्षा की सर्वाधिक विषमता बांसवाड़ा जिले में है।
  • राजस्थान में सर्वाधिक गर्म स्थल जोधपुर जिले का फलौदी है।
  • राजस्थान का सर्वाधिक गर्म जिला चूरू है।
  • गर्मीयों के दिनों में पश्चिमी राजस्थान से आने वाली गर्म हवाओं को लू कहा जाता है।
  • राजस्थान में गर्मीयों के दिनों मे सर्वाधिक धूल भरी आंधियॉं गंगानगर जिले में चलती है।
  • राजस्थान में सर्दियों में सर्वाधिक कम तापमान चूरू जिले का होता है।
  • राजस्थान का अरावली पर्वत का पूर्वी क्षेत्र वृष्टि प्रदेश तथा पश्चिमी क्षेत्र वृष्टि छाया प्रदेश कहलाता है।
  • राजस्थान की जलवायु को सर्वाधिक भू-पृष्ठीय कारण प्रभावित करते है।

राजस्थान में मुख्य रूप से तीन ऋतुएॅं आती है।

  1. वर्षा ऋतु : जून अन्त से सितम्बर अन्त अथवा अक्टूबर प्रारम्भ तक राजस्थान में सर्वाधिक फसल इसी मौसम बोयी जाती है राजस्थान मे वर्षा ऋतु में पानी को संचित करने के लिए जैसलमेर में खड़ीन तैयार की जाती है खड़ीन कृषि सर्वाधिक जैसलमेर मे होती है राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र में वर्षा के पानी को संरक्षित करने के लिए जोहड़ बनाये जाते है।
  2. सर्दी का मौसम : 22 दिसम्बर को सूर्य की किरणें मकर रेखा पर लम्बवत होती है फलस्वरूप दक्षिणी गोलार्द्व में ग्रीष्म ऋतु एवं उत्तरी गोलार्द्व में शीत ऋतु होती है राजस्थान में सामान्यतया सितम्बर अन्त से मार्च प्रारम्भ तक सर्दियों की ऋतु रहती है।
  3. ग्रीष्म ऋतु : 21 जून को सूर्य की किरणें कर्क रेखा पर लम्बवत गिरती है फलरूवरूप उत्तरी गोलार्द्व में ग्रीष्म ऋतु होती है राजस्थान में सामान्यतया मार्च अन्त से जून अन्त तक ग्रीष्म ऋतु रहती है ग्रीष्म ऋतु में उत्तर पश्चिमी क्षेत्र तथा पश्चिमी भागों मे चलने वाली गर्म हवाओं को लू कहा जाता है।

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